इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी। यह योजना शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए बनाई गई थी। यह योजना 2 अक्टूबर 1983 को शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले बेरोजगार युवाओं को प्रोत्साहित करना था ताकि वे खुद का रोजगार बना सकें।
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत, सरकार ने बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता और प्राथमिक जरूरतों के आधार पर रोजगार प्रदान करने की गारंटी दी। योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में निम्नलिखित क्षेत्रों में रोजगार प्रदान किया जाता था:
- स्वच्छता
- सड़क निर्माण और रखरखाव
- वृक्षारोपण और पौधारोपण
- गारमेंट्स और टेक्सटाइल उत्पादन
- मृदा उत्पादन
- खनिज उत्पादन
- मशीनों का निर्माण और रखरखाव
- विद्युत उत्पादन और वितरण
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत, बेरोजगार युवाओं को नौकरी प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित किए गए कुछ अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार प्रदान किया जाता था। इसमें शामिल थे:
- शिक्षा सेवाएं
- स्वास्थ्य सेवाएं
- सामाजिक सेवाएं
- संगठित खुदरा व्यापार
- सूक्ष्म उद्योग
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं को नौकरी प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा एक निर्धारित न्यूनतम वेतन दिया जाता था। इस योजना के माध्यम से सरकार ने शहरी क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं को समाज के मुख्य धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक विकास में शामिल किया और उन्हें समाज का एक सकारात्मक सदस्य बनाया।