केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park)

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भारत का एक अद्भुत राष्ट्रीय उद्यान: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भारत के राजस्थान राज्य में स्थित है और इसे पूर्व में भरतपुर राजवट कहा जाता था। यह उद्यान भारत का एक अद्भुत राष्ट्रीय उद्यान है जो अपने बहुत सारे प्राकृतिक आकर्षणों के लिए जाना जाता है। इसके पहले नाम भरतपुर का बर्ड सैंक्ट्री था। 1982 में यह उद्यान यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया था। इस उद्यान का विस्तार 29 वर्ग किलोमीटर है और इसके अंदर कई प्रकार के फूल, पेड़, पशु और पक्षियों की विविधता देखने को मिलती है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास बहुत पुराना है। इस उद्यान को महाराजा सूरज मल ने बनवाया था जो 1726 से 1763 तक भरतपुर के राजा थे। उन्होंने इस उद्यान को मुगल बादशाह अकबर के नाम से भी जाना जाता था। 1956 में भरतपुर रियासत समाप्त हो गई थी

पर्यटन स्थल

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भारत में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। यह उद्यान पक्षियों के लिए एक स्वर्ग है जहां आपको कई उद्योगी पक्षियों की देखभाल की जाती है। यह उद्यान सर्दियों में एक बड़ा आकर्षण होता है, जबकि गर्मियों में इसकी जंगलों की छाया से राहत मिलती है।

पक्षियों की विविधता

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भारत में सबसे अधिक प्रसिद्ध पक्षी संरक्षण के लिए जाना जाता है। इस उद्यान में करीब 375 प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ बहुत अत्यधिक विकसित होते हैं और कुछ लगभग विलुप्त होने की संभावना होती है। कई विदेशी पक्षी भी यहाँ आते हैं और इसके लिए भारत ने अपने नाम को विश्व स्तर पर ऊँचा किया है।

जीव विविधता

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों के अलावा अन्य जानवर भी देखने को मिलते हैं। यहां पर सफेद टाइगर व सांभर जैसे वन्यजीव भी होते हैं।

इतिहास और महत्व

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास काफी पुराना है। यह उद्यान मूगल शासकों और ब्रिटिश शासकों द्वारा बनाया गया था। इसे पहले इस स्थान पर जंगल और मानवों की आबादी थी, लेकिन जब सरकारों को पक्षियों की विविधता के बारे में पता चला तब वे इसे एक संरक्षित क्षेत्र के रूप में घोषित कर दिया।

इस उद्यान में कई प्रजातियों को संरक्षित किया जाता है जिन्हें पहले लोग शिकार करते थे। यहाँ पर लोगों के आने से पहले इस स्थान की खोज में ब्रिटिश नैचुरलिस्ट्स का अहम योगदान रहा है।

सफारी

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में आप सफारी का भी आनंद उठा सकते हैं। यहां पर दो प्रकार की सफारी की जाती है, गाइड के साथ जो आपको उद्यान के बारे में बताते हुए आपको उद्यान की यात्रा करवाते हैं और दूसरी बिना गाइड के जहां आप अपने तरीके से सफारी का आनंद उठा सकते हैं।

आवास

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में आपको कई विकल्प आवास के रूप में उपलब्ध हैं। यहाँ आप टेंट लगाकर, गेस्ट हाउस में रहकर या अधिक सुविधाओं वाले होटलों में भी ठहर सकते हैं। आवास की विस्तारपूर्ण सुविधाओं के साथ-साथ, उन्नत और आरामदायक विकल्प भी उपलब्ध हैं।

जंगली प्राणी

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान उन जंगली प्राणियों का घर है जो अपने स्वभाव में बहुत शांत और सुस्त होते हैं। यहाँ आप बाघ, चीता, हथियारा, नीलगाय और चिंकारा जैसे जंगली प्राणियों को देख सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ पर कई प्रजातियां भी हैं जो कि दुनिया भर में बहुत ही कम देखी जाती हैं।

तालाबों का सैर

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का एक अन्य विशेषता यहाँ के तालाब हैं। यहाँ पर कई तालाब हैं जो जंगली प्राणियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं। आप इन तालाबों का सैर करके उनमें पानी में खेलने वाले और अन्य प्रजातियों को देख सकते है

पक्षी दर्शन

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान एक ऐसा स्थान है जहाँ पक्षियों के दर्शन करने का बेहतरीन मौका मिलता है। यहाँ पर आपको बहुत से प्रजातियों के पक्षी देखने को मिलेंगे। यहाँ पर आप अगर हरियाली में पक्षियों के बीच ट्रैकिंग करना चाहते हैं तो यहाँ का प्राकृतिक वातावरण आपको जरूर खुश कर देगा।

साइक्लिंग

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में साइक्लिंग करना एक अन्य लोकप्रिय विकल्प है। यहाँ आप जंगलों में साइकिल चलाकर आरामदायक और नये अनुभवों से भरे दिन बिता सकते हैं। यहाँ पर साइकिल लेने की सुविधा भी उपलब्ध है।

वन जीवन का अध्ययन

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में आप वन जीवन का अध्ययन कर सकते हैं। यहाँ पर आप वन जीवन से जुड़े बहुत सारे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ पर आपको बताया जाएगा कि वन में किस प्रकार के प्राणी और जंगली पौधे होते हैं और उनके बारे में कैसे देखभाल करना चाहिए।

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