All Tiger Reserves in India Through-भारत के सभी बाघ अभयारण्य

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 All Tiger Reserves in India Through

भारत के सभी बाघ अभयारण्य1970 से 71 का वक्त था रणथंभौर में एक बाघिन ने दो शावक को जन्म दिया लेकिन जन्म के कुछ ही दिन बाद बाघिन की मौत हो गई देखा जाए तो उसी टाइम राजस्थान कैडर में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के एक अधिकारी हुआ करते थे नाम था कैलाश शकला बाघों के संरक्षण के लिए बहुत पहले से आवाज उठाते आ रहे थे दोस्तों वही कैलाश सांखला उन दोनों शावकों को लेकर दिल्ली आए और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिलकर बाघिन की मौत और दो अनाथ शावकों के बारे में बताया साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को दिनोंदिन बाघों की घटती संख्या से भी रूबरू करवाया सांखला ने इंदिरा गांधी को बताया कि जंगलों के बचे रहने के लिए बाघों का होना कितना जरूरी है जबकि इससे पहले भी 1969 में भारत में आयोजित हुए आईसन की बैठक में भी बाघों की घटती संख्या को लेकर चिंता जाहिर की गई थी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कैलाश सांखला की बात को बहुत ही सीरियसली लिया और बिना किसी देरी के बाघों को बचाने के लिए करण सिंह की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया और सांखला कोही इस टास्क फोर्स के रिकमेंडेशन को इंप्लीमेंट करने की जिम्मेदारी दी इसके बाद 1973 में शुरू हुए प्रोजेक्ट टाइगर से लेकर आज तक लगभग 50 सालों में देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3682 तक पहुंच चुकी है और आज भारत दुनिया के लगभग 75% पर से अधिक बाघों का घर है आज कैलाश खला को उनके इस ईमानदार प्रयास के लिए ही उन्हें पूरा देश टाइगर मैन ऑफ इंडिया के नाम से जानता है हमारी  वर्तमान में कुल चार टाइगर रिजर्व्स मौजूद हैं जिनमें सरिस्का रणथंभौर रामगढ़ विषधारी और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व शामिल हैं सबसे पहले अगर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की बात करें तो देखिए विंद रेंज में बसा हुआ खूबसूरत टाइगर रिजर्व है जिसका विस्तार राजस्थान के चार जिलों में है यानी कि कोटा बूंदी चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ आप देखेंगे तो इस टाइगर रिजर्व में मुकुंदरा नेशनल पार्क दर्रा सैंक्चुरी जवाहर सागर सैंक्चुरी और चंबल सैंक्चुरी का एक भाग शामिल है जो इस टाइगर रिजर्व के लिए क्रिटिकल हैबिटेट बनाता है All Tiger Reserves in India

दोस्तों भारत के सभी बाघ अभयारण्यों यह टाइगर रिजर्व रणथंभौर टाइगर रिजर्व का एक नेचुरल एक्सटेंशन है जो टाइगर जैसे लार्ज कॉनिव को वाट टेरिटरी में घूमने का मौका देता है साथ ही यही टाइगर रिजर्व अपने आसपास के प्रोटेक्टेड टाइगर रिजर्व से लिंक्ड है जिसमें रणथंभौर रामगढ़ विषधारी भैंसा रोगर और मध्य प्रदेश का गांधी सागर सैंक्चुरी शामिल है अगर यहां पर रहने वाले टाइगर्स की बात की जाए तो यहां केवल एक टाइगर के होने की पुष्टि की गई है  सेकंड रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व की बात करें तो यह बिंदी क्षेत्र में मौजूद है जहां विंध्या और अरावली रेंज के दोनों कंपोनेंट्स देखने को मिलते हैं राजस्थान का यह सबसे नया टाइगर रिजर्व है जिसे साल 2022 में ही नोटिफाइड किया गया था रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व मुकुंदरा हिल्स और रणथंभोर टाइगर रिजर्व के बीच एक महत्त्वपूर्ण पासेस वे की तरह काम करता है यह टाइगर रिजर्व हड़ती एरिया के थ्रू बहने वाली मेज रिवर के बैंक पर लोकेटेड है देखा जाए तो इसकी लोकेशन की वजह से इसकी स्टनिंग नेचुरल सीनरी भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है अगर यहां पर रहने वाले टाइगर की बात करें तो साल 2023 के टाइगर सेंसस के मुताबिक यहां पर भी एक टाइगर के होने की पुष्टि की गई है अब बात करते हैं रणथंभोर टाइगर रिजर्व की दोस्तों रणथंभौर टाइगर रिजर्व 1973 में लॉन्च प्रोजेक्ट टाइगर के तहत डेवलप किए गए पहले नौ टाइगर रिजर्व्स में से एक है रणथंभौर अरावली और वंधन रेंज के कॉन्फ्लूएंट पर लोकेटेड है यह नॉर्थ में बनास रिवर से और ईस्ट में चंबल रिवर से घिरा हुआ है यह टाइगर रिजर्व राजस्थान के तीन जिलों यानी कि सवाई माधोपुर करौली और बूंदी में फैला हुआ है आ इनिक रणथंभौर फोर्ट भी इसी टाइगर रिजर्व में लोकेटेड है रणथंभौर सेंट्रल इंडिया के लैंडस्केप के वेस्टर्न ब्लॉक का हिस्सा है जिसमें सरिस्का टाइगर रिजर्व कुनो पालपुर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी माधव नेशनल पार्क रामगढ़ विषधारी वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व भी शामिल हैं और वर्तमान में यह 57 टाइगर्स का हैबिटेट है भारत के सभी बाघ अभयारण्यों अगले टाइगर रिजर्व यानी कि सरिस्का की बात करें तो सरिस्का अरावली रेंज में स्थित अलवर डिस्ट्रिक्ट में लोकेटेड है दोस्तों इस रिजर्व के अंतर्गत आने वाला फॉरेस्ट कभी पुराने अलवर स्टेट का पार्ट हुआ करता था जिसे हंटिंग सैंक्चुअरी के तर इस्तेमाल किया जाता था भारत के सभी बाघ अभयारण्य  देखा जाए तो इसके बेटर प्रोटेक्शन के लिए 1958 में इस सैंक्चुअरी और 1978 से 79 में टाइगर रिजर्व के रूप में नोटिफाई कर दिया गया आपको बता दें कि काकवा फोर्ट इस टाइगर रिजर्व के बीच में स्थित है साथ ही यहां पर नौवीं और 10वीं शताब्दी के नीलकंठ और गढ़ राजोर शिव और जैन मंदिर भी मौजूद हैं देखा जाए तो इस रिजर्व के कोर एरिया में 26 कम्युनिटीज जबकि बफर जोन में 246 कम्युनिटीज रहती हैं जिनमें फेमस गुर्जर ट्राइब कम्युनिटी भी शामिल है अगर इस टाइगर रिजर्व में आने ने वाले टाइगर्स की बात करें तो यहां टोटल 19 टाइगर्स के होने की पुष्टि की गई हैआइए राजस्थान के बाद चलते हैं मध्य प्रदेश पर दोस्तों मध्य प्रदेश में फिलहाल सात टाइगर रिजर्व्स हैं जिनमें पन्ना संजय धुबरी बांधवगढ़ कान्हा पेंच सतपुड़ा और सबसे लेटेस्ट टाइगर रिजर्व वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व भी शामिल है सबसे पहले अगर बांधवगढ़ टाइगर All Tiger Reserves in India
रिजर्व की बात करें तो इस टाइगर रिजर्व का नाम इसके सेंटर में लोकेटेड बांधवगढ़ हिल के नाम पर पड़ा है जियोग्राफिक ये टाइगर रिजर्व विन द हिल रेंज और सतपुरा हिल रेंज की ईस्टर्न फ्लैंक के बीच उमरिया और कटनी जिले में मौजूद है जोहिला और सोन नदी इसके ईस्टर्न बॉर्डर पर बहती हैं जबकि उमरा रिवर इसके वेस्टर्न बाउंड्री को टच करते हुए गुजरती है आप देखेंगे तो इसी रिजर्व में बांधवगढ़ नेशनल पार्क और पनपथा वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी भी शामिल है यहां मौजूद भगवान विष्णु की डिक्लाइंग पोज वाला शे शैया स्टैच्यू भी टूरिस्ट अट्रैक्शन का बहुत ही महत्त्वपूर्ण कारण है बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पहचान टाइगर की हाई डेंसिटी वाले हैबिटेट के रूप में है 1993 से 94 में टाइगर रिजर्व के रूप में रिकॉग्नाइज्ड यह टाइगर रिजर्व वर्तमान मान में 135 टाइगर्स का निवास स्थल हइए बात करते हैं कान्हा टाइगर रिजर्व की सतपुरा रेंज के मैकल हिल में लोकेटेड इस टाइगर रिजर्व का विस्तार मध्य प्रदेश के दो रेवेन्यू डिस्ट्रिक्ट्स यानी कि मंडला और बालाघाट तक है जियोग्राफिक ये टाइगर रिजर्व दलदल या मार्शी एरियाज ग्रास लैंड्स डेंस फॉरेस्ट और रेवरा इन फॉरेस्ट के कॉमिनेशन का एक्सीलेंट एग्जांपल है दोस्तों इतने डायवर्सिफाइड कंडीशन के एक ही जगह पर होने के चलते कान्हा टाइगर रिजर्व को हमेशा से लॉन्ग टर्म कंजर्वेशन के लिए बहुत ही बेस्ट प्लेस माना जाता रहा है यह टाइगर रिजर्व भी प्रोजेक्ट टाइगर के तहत डेवलप्ड हुए फर्स्ट नाइन टाइगर रिजर्व्स में से एक है और यहां पर टोटल 105 टाइगर्स के होने का अनुमान है दोस्तों पन्ना टाइगर रिजर्व वंधन रेंज में पन्ना और छतरपुर डिस्ट्रिक्ट में फैला हुआ है अगर इस टाइगर रिजर्व की खासियत की बात करें तो यहां पर आपको गोंडवाना पीरियड के ओल्ड रेलिक्स देखने को मिल जाएंगे साथ ही पन्ना टाइगर रिजर्व नॉर्थ सेंट्रल हाइलैंड्स का एक इंपॉर्टेंट प्रोटेक्टेड एरिया इस अर्थ में भी आएगी ये नॉर्थ ईस्ट और साउथ वेस्ट वंधन रेंज के जरिए ईस्टर्न और वेस्टर्न वाइल्ड एनिमल्स को लिंग करने का काम करती है भारत के सभी बाघ अभयारण्य इन सब के अलावा इस टाइगर रिजर्व की टेरेन में मोस्टली प्लेट्यू और गोर्जेस भी इंक्लूडेड हैं 1994 में टाइगर रिजर्व के रूप में नोटिफाइड इस पन्ना टाइगर रिजर्व में फिलहाल टोटल 55 टाइगर्स रह रहे हैआइए बात करते हैं पेंच टाइगर रिजर्व की दोस्तों इसका विस्तार सतपुड़ा रेंज के सदर्न स्लोप में स्थित सिवनी और चिंदवाड़ा डिस्ट्रिक्ट तक है देखा जाए तो इस टाइगर रिजर्व में इंदिरा पेंच प्रदर्शनी नेशनल पार्क और पेंच मोगली सैंक्चुअरी भी शामिल है रूड यार्ड किपलिंग की फेमस द जंगल बुक में जिस मोगली फॉरेस्ट का जिक्र आया था वो पेंच टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के रीजन ही है आप देखेंगे तो इस टाइगर रिजर्व के बीचोबीच बहने वाली दो रिवर्स इसे दो भागों में डिवाइड करती हैं दोस्तों इस टाइगर रिजर्व के साउथ में देश का पहला इंटरस्टेट प्रोजेक्ट टाइगर एरिया महाराष्ट्र का पेंच टाइगर रिजर्व स्थित है साथ ही महाराष्ट्र के सदर्न साइड के कंटीन्यूअस फॉरेस्ट को पहले जवाहरलाल नेहरू नेशनल पार्क के रूप में जाना जाता था जिसे बाद में इसी नाम से प्रोजेक्ट टाइगर नेटवर्क में शामिल कर लिया गया और आज इस टाइगर रिजर्व में लेटेस्ट डाटा के मुताबिक 77 टाइगर्स मौजूद हैं हैं दोस्तों संजय धुबरी टाइगर रिजर्व में संजय नेशनल पार्क और धुबरी सैंक्चुरी के अलावा सीधी और शहडोल जिले के लिए बनाए गए बफर एरियाज भी इंक्लूडेड हैं मध्य प्रदेश के नॉर्थ ईस्ट में लोकेटेड यह टाइगर रिजर्व साउथ में गुरु घासीदास नेशनल पार्क से बॉर्ड है यह टाइगर रिजर्व बांधो गड़ गुरु घासीदास पलामू लैंडस्केप का पार्ट है और देश में आइडेंटिफिकेशन लैंडस्केप में से एक है जिनके कंजर्वेशन के लिए एक्स्ट्रा एफर्ट की जरूरत है बनास महान और उमराली जैसी कई पेनियल रिवर्स इस टाइगर रिजर्व के ही जरिए होकर बहती हैं लेटेस्ट सर्वे के मुताबिक इस टाइगर रिजर्व में इस टाइम 16 टाइगर्स के रहने के फुटप्रिंट्स पाए गए है

आइए बात करते हैं भारत के सभी बाघ अभयारण्य सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की यह सेंट्रल इंडियन हाइलैंड्स इकोसिस्टम का एक प्राइम एग्जांपल है इस टाइगर रिजर्व के जियोग्राफिक ट्रांसफॉर्मेशन की बात करें तो इसमें डेकन ट्रैप गोंडवाना और मेटामिनडी सामने रखा 1981 में नेशनल पार्क और 2000 में टाइगर रिजर्व के रूप में नोटिफाइड होने के बाद आज सतपुड़ा टाइगर रिजर्व फिलहाल 50 टाइगर्स का हैबिटेट है दोस्तों अभी हाल ही में मध्य प्रदेश के सातवें और देश के 54 वें टाइगर रिजर्व के रूप में वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व को नोटिफाइड किया गया देखा जाए तो इसका विस्तार मध्य प्रदेश के तीन जिलों यानी कि दमोह सागर और नरसिंहपुर तक है वीरांगना दुर्गावती सैंक्चुरी गोन ट्राइब से संबंधित रानी वीरांगना दुर्गावती के नाम पर रखा गया है वर्तमान में यहां 15 टाइगर्स के फुटप्रिंट्स पाए गए हैं और टाइगर रिजर्व में नौरादेही वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी शामिल है एमपी के बाद

भारत के सभी बाघ अभयारण्य अब बात करते हैं महाराष्ट्र की जहां पर टोटल सिक्स टाइगर रिजर्व्स हैं जिनमें मेलघाट पेंच नवेगांव बोर और ताडोबा अंधेरी व सह्याद्री टाइगर रिजर्व शामिल हैं आपको बता दें कि सह्याद्री टाइगर रिजर्व के अलावा इनमें से सभी टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र के नॉर्थईस्ट रीजन में लोकेटेड हैं और आइए एक-एक करके इनके बारे में जानने की कोशिश करते हैं All Tiger Reserves in India

सबसे पहले बात करते हैं मेलघाट टाइगर रिजर्व की मेलघाट टाइगर रिजर्व सेंट्रल इंडिया में सतपुड़ा हिल रेंज के साउथ ब्रांच यानी कि गवाली गढ़ हिल्स में लोकेटेड है यह महाराष्ट्र के तीन जिलों अमरावती बुलढाणा और अकोला में फैली हुई है प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व की लॉन्चिंग के टाइम में ही 1973 से 74 के बीच में इसको एस्टेब्लिश किया गया देखा जाए तो मिल घाट एक क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट होने के साथ ही साथ महाराष्ट्र की प्रीमियर बायोडायवर्सिटी रिजर्व भी है साथ ही इसमें पांच प्रोटेक्टेड एरियाज यानी कि गुगामल नेशनल पार्क मिल घार सैंक्चुरी नार नाला अंब बारवा और वान सैंक्चुरी शामिल है और वर्तमान में यहां रहने वाले टाइगर्स की संख्या है 57 अब बात करते हैं महाराष्ट्र में मौजूद पेंच टाइगर रिजर्व की दोस्तों ये नागपुर जिले में स्थित है इसका नाम पेंच पड़ने के पीछे कारण यही इसके मिडिल से नॉर्थ साउथ डायरेक्शन में पेंच रिवर बहती है और इसी वजह से इसका नाम पेंच रखा गया है सतपुरा रेंज के महादेव हिल से निकलने वाली पेंच नदी देखिए कन्हान नदी में मिलने से पहले पेंच रिवर को दो हिस्सों में बांटती है यह टाइगर रिजर्व अपने नॉर्थ में मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व वाले दो जिले यानी कि सिवनी व छिंदवाड़ा से कनेक्टेड है देखा जाए तो पेंच एक टाइगर रिजर्व का सबसे बेहतरीन एग्जांपल है जिसकी प्राइमरी टेरिटरी मानसिंह देव वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी से घिरा हुआ है और अभी यहां पर रहने वाले टाइगर्स की बात की जाए तो यहां पर 48 टाइगर्स रह रहे हैं दोस्तों अगला टाइगर रिजर्व है नवेगांव टाइगर रिजर्व ये टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र के गोंदिया और भंडारा जिले में स्थित है नवेगांव वाइल्ड लाइफ सेंचुरी नागजीरा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी न्यू नागजीरा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी और कोको वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी इसी टाइगर रिजर्व के पार्ट्स हैं देखा जाए तो ये टाइगर रिजर्व अपने आसपास के टाइगर रिजर्व्स यानी कि कान्हा पेंच और डोबा टाइगर रिजर्व्स से जुड़े हुए हैं दोस्तों इस टाइगर रिजर्व्स को इन तीन टाइगर रिजर्व्स के साथ बालाघाट ब्रह्मपुरी चंद्रपुर और गढ़ जिरौली जैसे मेजर टाइगर रीजंस के क्लोज्ड होम के चलते सेंट्रल इंडियन टाइगर मेटा पॉपुलेशन का हार्ट भी कहा जाता है भारत के सभी बाघ अभयारण्य और अभी वर्तमान में यहां पर केवल 11 टाइगर्स के फुटप्रिंट्स पाए गए हैं दोस्तों वर्धा डिस्ट्रिक्ट में लोकेटेड बोर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी को साल 2014 में टाइगर रिजर्व के रूप में नोटिफाइड किया गया था ये एक इंपॉर्टेंट सेटेलाइट लोकेशन है जो पेंच मेलघाट और ताडोबा टाइगर रिजर्व के बीच माइग्रेट करने वाले टाइगर के लिए स्टेपिंग जन की तरह काम करता है यह टाइगर रिजर्व नॉर्थ ईस्ट में पेंच टाइगर रिजर्व से ईस्ट में नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व से और साउथ ईस्ट में ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व और करहंडला वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी से वेस्ट में मेलघाट टाइगर रिजर्व और नॉर्थ वेस्ट में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से सराउंडेड है

अगर एरिया वाइज देखें तो भारत के सभी बाघ अभयारण्य यह भारत का सबसे स्मॉलेट टाइगर रिजर्व है जहां भी टोटल 9 टाइगर्स ही रहते है दोस्तों ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व की बात करें तो यह महाराष्ट्र के चंदपुर जिले में लोकेटेड है जिनमें ताडोबा नेशनल पार्क और अंधेरी वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी शामिल है देखा जाए तो उसका नाम यहां के नेटिव गॉड ताडोबा और तारू के नाम पर रखा गया है जिनकी मृत्यु एक टाइगर एनकाउंटर में हुई थी आपको बता दें कि ताडोबा ले के किनारे ही गॉड तारू का मंदिर आज भी मौजूद है देखा जाए तो ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर में वाट और डायवर्सिफाइड टेरेन के चलते ही इस रीजन का मोस्ट सिग्निफिकेंट टाइगर पॉपुलेशन मौजूद है और वर्तमान में यहां पर टोटल 97 टाइगर्स मिलने के प्रमाण पाए गए हैं महाराष्ट्र के आखिरी टा टाइगर रिजर्व यानी कि सह्याद्री टाइगर रिजर्व की बात करें तो महाराष्ट्र के वेस्टर्न घाट के सह्याद्री रेंज में लोकेटेड यह टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र के चार जिले यानी कि सातारा सांगली कोल्हापुर और रत्नागिरी तक एक्सटेंडेड है यह टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र कर्नाटका और गोवा के साथ भी बॉर्डर शेयर करता है वेस्टर्न महाराष्ट्र में लोकेटेड यह फर्स्ट टाइगर रिजर्व जिसमें कोया सैंक्चुरी और चंदौली नेशनल पार्क भी शामिल है हालांकि लेटेस्ट सर्वे में यहां पर कोई भी टाइगर नहीं पाया गया है आइए महाराष्ट्र के बाद बात करते हैं इसके ठीक साउथ के नेबरिंग स्टेट कर्नाटका की जहां टोटल फाइव टाइगर रिजर्व्स मौजूद हैं

दोस्तों भारत के सभी बाघ अभयारण्य सबसे पहला टाइगर रिजर्व है दांडेली अंशी टाइगर रिजर्व यह टाइगर रिजर्व कर्नाटका के उत्तर कन्नड़ जिले में मौजूद है जिस इस रीजन के दो इंपॉर्टेंट एरिया यानी कि दांडेली वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी और अंशी नेशनल पार्क शामिल है साल 2008-9 में नोटिफाइड इस टाइगर रिजर्व का नाम बदलकर साल 2015 में काली टाइगर रिजर्व कर दिया गया और साल 2023 के लेटेस्ट डाटा के मुताबिक यहां पर 17 टाइगर्स के फुटप्रिंट्स पाए गए हैं दोस्तों दो तो नेक्स्ट है भद्रा टाइगर रिजर्व यह टाइगर रिजर्व वेस्टर्न घाट के कर्नाटका के दो जिलों यानी कि चिक मंगलूर और शिमोगा जिले तक एक्सटेंडेड है यहां के टूरिस्ट अट्रैक्शन में हसला रीज में बने खंडवा का मारकंडे मंदिर और हेब्बे का भवानी शंकर मंदिर शामिल है देखा जाए तो भारत का ये पहला ऑफिशियल रिकॉग्नाइज्ड टाइगर रिजर्व है जिसने वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन के लिए विलेज रीलोकेशन प्रोग्राम को सफलतापूर्वक संपन्न करके दिखाया है और इस टाइगर रिजर्व में रहने वाले कुल टाइगर्स की संख्या है 28

दोस्तों अगला टाइगर रिजर्व है ना गरा होल टाइगर रिजर्व देखिए कन्नड़ भाषा में नागरहोल का अर्थ होता है स्नेक स्ट्रीम और इस टाइगर रिजर्व का नाम भी यहां से होकर बहने वाली नागरहोल नामक छोटी नदी के नाम पर पड़ा है यह टाइगर रिजर्व कर्नाटका के मैसूर और कोडागु जिलों में फैला हुआ है यह टाइगर रिजर्व साउथ ईस्टर्न साइड से बांदीपुर टाइगर रिजर्व और साउथ वेस्ट साइड से वायनाड वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी से बाउंड ड है देखा जाए तो इसके हैबिटेट को प्रोटेक्ट करने में नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का भी इंपॉर्टेंट रोल है और ये टाइगर रिजर्व 141 टाइगर्स का घर है अब बात करते हैं भारत के सभी बाघ अभयारण्य

बांदीपुर टाइगर रिजर्व की मैसूर जिले में मौजूद इस टाइगर रिजर्व को प्रोजेक्ट टाइगर के लॉन्चिंग के टाइम पर ही एस्टेब्लिश किया गया था यह साउथ में तमिलनाडु के मधु मलाई वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी से साउथ वेस्ट में केरला के वायनाड वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी से और नॉर्थ वेस्ट में नागरहोल नेशनल पार्क से घिरा हुआ है यह रिजर्व नार्ड प्लेट में लोकेटेड है जो अपने स्वार्म्स और वेल्स के लिए काफी फेमस है दोस्तों बांदीपुर टाइगर रिजर्व 1986 से नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का पार्ट है और फेमस गोपाल स्वामी बेटा मंदिर के यहां पर लोकेटेड होने के साथ ही साथ वर्तमान में टोटल 150 टाइगर्स का हैबिटेट है दोस्तों कर्नाटका का आखिरी टाइगर रिजर्व है बिलीगिरी रंगनाथ मंदिर टाइगर रिजर्व आपको बता दें कि बिलीगिरी का मतलब होता है सफेद चट्टान जिसकी चोटी पर मंदिर हो और लोकल लैंग्वेज में भगवान विष्णु को रंगा स्वामी कहा जाता है देखा जाए तो इन्हीं दो शब्दों को मिलाकर के इस टाइगर रिजर्व का नाम रखा गया है यह टाइगर रिजर्व कर्नाटका के चामराज नगर जिले में स्थित है वेस्टर्न और ईस्टर्न घाट के मिडल में सिचुएटेड होने की वजह से यह यूनिक बायोग्राफिकल हैबिटेट बन जाता है और वर्तमान में यहां पर टोटल 37 टाइगर्स के र रहने के प्रमाण पाए गए हैं भारत के सभी बाघ अभयारण्य

दोस्तों कर्नाटका के बाद अब बारी है आंध्र प्रदेश की जहां लोकेटेड एकमात्र टाइगर रिजर्व यानी नागार्जुन सागर श्री शैलम टाइगर रिजर्व को जानने की कोशिश करते हैं दोस्तों नल्ला मलाइज की हरी भरी पहाड़ियों की श्रृंखला में बसा यह टाइगर रिजर्व देश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व्स में से एक है ये आंध्र प्रदेश के पांच रेवेन्यू डिस्ट्रिक्ट्स में एक्सटेंडेड है साल 1983 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिजर्व के रूप में रिकॉग्नाइज किया गया था देखा जाए तो आंध्र प्रदेश का स्टेट डिवीजन होने की वजह से इस टाइगर रिजर्व को भी आंध्र प्रदेश में नागार्जुन सागर श्री शैलम टाइगर रिजर्व और तेलंगाना में अमराबाद टाइगर रिजर्व के रूप में डिवाइड किया गया

आपको बता दें कि इस टाइगर रिजर्व के कोर जोन में 24 गाव  हैं जिसमें दो मेजर ट्राइबल कम्युनिटीज यानी कि चेंस उस और लंबा दस निवास करते हैं और लेटेस्ट डाटा के मुताबिक यहां पर 58 टाइगर्स पाए गए हैं आइए अब जानते हैं 2014 में नए राज्य के रूप में सामने आए तेलंगाना के टाइगर रिजर्व्स के बारे में देखिए तेलंगाना में दो टाइगर रिजर्व्स हैं इनमें पहला है कवल टाइगर रिजर्व और दूसरा है अमराबाद टाइगर रिजर्व भारत के सभी बाघ अभयारण्य

दोस्तों कवल टाइगर रिजर्व की बात करें तो यह डेकन पेनिंस सुला सेंट्रल हाइलैंड्स का पार्ट है जो गोदावरी रिवर के बैंक पर लोकेटेड है यह तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में है सहयाद्री माउंटेन रेंज इस टाइगर रिजर्व का होम है जो अपने आप में कई प्रकार के हैबिटेट्स को शामिल किए हुए हैं साथ ही कवल टाइगर रिजर्व सेंट्रल इंडियन टाइगर लैंडस्केप का साउथ मोस्ट पॉइंट बनाता है इसके ईस्ट में इंद्रावती टाइगर रिजर्व और नॉर्थ में ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व सिचुएटेड है हालांकि साल 2012-13 में नोटिफाइड इस टाइगर रिजर्व में फिलहाल एक भी टाइगर रिजर्व होने के प्रमाण नहीं मिले हैं दूसरा है अमराबाद टाइगर रिजर्व यह नल्ला माला हिल्स में लोकेटेड है जिसका एक्सटेंशन तेलंगाना के महबूब नगर और नलगोंडा जिलों तक है बायोलॉजिकल सिग्निफिकेंट के अलावा इस रीजन का हेरिटेज वैल्यू भी काफी ज्यादा है और ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां पर कई एंसन टेंपल मौजूद हैं जिनमें श्री शैलम उमा महेश्वरम अक महादेवी केब्स और कादली वनम व मनले तीर्थम शामिल है साल 2014-15 में नोटिफाइड इस टाइगर रिजर्व में वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक 12 टाइगर्स पाए जाते हैं दोस्तों तेलंगाना के बाद अब बारी है

तमिलनाडु की यहां पर फाइव टाइगर रिजर्व्स हैं जो वेस्ट टू साउथ डायरेक्शन में एक्सटेंडेड हैं  भारत के सभी बाघ अभयारण्य जिनमें सत्यमंगलम मधु मलाई अनाम मलाई श्री विल्ली पुथुर मेगा मलाई और कलाकड़ मुंडन थराई टाइगर रिजर्व शामिल हैं सबसे पहले अगर सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व की बात करें तो सत्य मंगलम टाइगर रिजर्व वेस्टर्न और ईस्टर्न घाट के क्रिटिकल इंटरसेक्शन पर सिचुएटेड है यह तमिलनाडु के इरोड जिले में मौजूद है नॉर्थ में कर्नाटका में लोकेटेड बांदीपुर नेशनल पार्क से ईस्ट और साउथ डायरेक्शन में इरोड फॉरेस्ट डिवीजन से और वेस्ट में नीलगिरी से घिरा हुआ है जो मदु मलाई टाइगर रिजर्व के लिए एक बफर का काम करता है साथ इस एरिया को नीलगिरी ईस्टर्न घाट एलिफेंट रिजर्व में भी इंक्लूड किया गया है और साल 2013-14 में नोटिफाइड भारत के सभी बाघ अभयारण्य इस टाइगर रिजर्व में अभी लेटेस्ट टाइगर पॉपुलेशन के अकॉर्डिंग 85 टाइगर्स रह रहे हैं अगला है मधु मलाई टाइगर रिजर्व दोस्तों तमिल भाषा में मधु मलाई का मतलब होता है ओल्ड हिल रेंज मधु मलाई टाइगर रिजर्व तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में है यह नीलगिरी में तमिलनाडु कर्नाटक और केरल के ट्राई जंक्शन पर स्थित है अपने डाइवर वर्स फ्लोरल और फनल वैरायटी की वजह से यह ना सिर्फ टाइगर्स के लिए बल्कि कोऑपरेटर्स और प्रे स्पीशीज के लिए ब्रीडिंग ग्राउंड प्रोवाइड करता है देखा जाए तो इस टाइगर रिजर्व को मयार नदी काटती है और इस टाइगर रिजर्व के साथ कर्नाटका का बांदीपुर टाइगर रिजर्व और केरला का वायनाड वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी कॉमन बाउंड्री शेयर करता है जिसके चलते एरिया टाइगर और एलिफेंट जैसे फ्लैगशिप स्पीशीज के लिए एक साइजेबल कंजर्वेशन लैंडस्केप प्रोवाइड कर पाता है और इस टाइगर रिजर्व में लेटेस्ट डाटा के मुताबिक 114 टाइगर्स रह रहे हैं दोस्तों अनाम मलाई टाइगर रिजर्व की बात करें तो यह साउथ वेस्टर्न घाट के सदर्न एज पर सिचुएटेड है यह तमिलनाडु के तीन जिलों यानी कि कोयंबटूर तिरूपपुर और डिंडीगल तक विस्तारित है ये टाइगर रिजर्व ईस्ट में पराम कुलम टाइगर रिजर्व से साउथ में चिनार वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी से और वेस्ट में रावी कुलम नेशनल पार्क से घिरा हुआ है आपको बता दें कि यूनेस्को ने अना मलाई टाइगर रिजर्व के करिया शोला ग्रास हिल्स और मंजमपट्टी को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स के रूप में रिकॉग्नाइज किया है साथ ही अनाम मलाई को एक एंथ्रोपोलॉजी रिजर्व के रूप में क्लासिफाइड किया जाता है भारत के सभी बाघ अभयारण्य और ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां पर सिक्स इंजीनियस पीपल यानी कि मालासर मलाई माला सार्स कादर एरा वलर और पुलाया व मधुवर्ण का घर माना जाता है जहां बाघों की कुल संख्या 16 है दोस्तों श्री विल्ली पुथुर मदु मलाई टाइगर रिजर्व की बात करें तो साल 2020-21 में नोटिफाइड तमिलनाडु के इस नए टाइगर रिजर्व को मेनली रिमोट वाइल्ड लाइफ रिफ्यूजीस को लिंक करने के पर्पस से क्रिएट किया गया था यह तमिलनाडु के तीन जिलों यानी कि मधुरई विरुधुनगर और थनी तक एक्सटेंडेड है बेसिकली रिजल्ड स्कल वाइल्डलाइफ सैचुरी और मेगा मलाई वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी को कंबाइन कर बनाया गया है साथ ही मेगा मलाई से ओरिजनेट होने वाली वैगई रिवर को लैंड एंक्रोचमेंट से प्रोटेक्ट कर उसे नॉन पेनियल से पेरेनियर रिवर में ट्रांसफॉर्म करने में हेल्प कर रहा है और यहां पर टोटल टाइगर्स की संख्या है 12 यह टाइगर रिजर्व साउथ वेस्टर्न घाट के अंतर्गत तमिलनाडु के रनवेली जिले में स्थित है देखा जाए तो इस रिजर्व में दो एडजेसेंट सैंक्चुरी यानी कि कलाकड़ और मुंडन थराई सैंक्चुरी के अलावा कन्याकुमारी सैंक्चुरी का भी एक पोर्शन इसमें इंक्लूडेड है साउथ इंडिया की थर्ड टालिस पीक अगस्त मलाई इसी टाइगर रिजर्व के कोर जोन में लोकेटेड है दोस्तों उसके कोर में सिचुएटेड अगस्त मलाई हिल्स का एक पोर्शन आईयूसीएन के अंतर्गत आने वाली इंडिया के उन पांच सेंटर्स में से एक है जहां प्लांट वैरायटी और एंडम जम मौजूद है आपको बता दें कि अगस्त मलाई बायोस्फियर रिजर्व में यह टाइगर रिजर्व भी शामिल है यह वेस्टर्न घाट का एकमात्र लोकेशन है जहां नॉन डेप्टो कार्प एवरग्रीन फॉरेस्ट और ठ महीनों तक वर्षा वाला मौसम देखने को मिलता है और लेटेस्ट डेटा के मुताबिक यहां पर केवल पांच टाइगर्स के फुटप्रिंट्स पाए गए हैं अब तमिलनाडु के बाद इसके नेबरिंग स्टेट केरला की बात करें तो यहां पर भी दो टाइगर रिजर्व्स मौजूद हैं जिनमें एक है परमबीकुलम और दूसरा है पेरियार टाइगर रिजर्व आइए इन दोनों के बारे में भी जान लेते हैं देखिए परमबीकुलम टाइगर रिजर्व वेस्टर्न घाट के अन्नामलाई लैंडस्केप में लोकेटेड है यह टाइगर रिजर्व केरला के पलक्कड़ और त्रिशूर जिलों तक एक्सटेंडेड है यह वर्ल्ड के बायोडायवर्सिटी के हॉटस्पॉट में से भी एक है जहां डावर्स हैबिटेट टाइप और एमजन को सपोर्ट किया गया है दो दोस्तों इस टाइगर रिजर्व की बायोलॉजिकल रिचस वाइल्ड लाइफ एबंडेंस और लैंडस्केप ब्यूटी इसे पूरे वेस्टर्न घाट में सबसे अट्रैक्टिव प्लेस बनाता है देखा जाए तो इस टाइगर रिजर में कई इंडिजिनियस ट्राइब्स की कॉलोनी मौजूद हैं जिनमें कादर मालासर मुदुर और माला मालासर जैसी प्रमुख जनजाति के समुदाय शामिल हैं और यहां साल 2023 के लेटेस्ट डाटा के मुताबिक 31 टाइगर्स के फुटप्रिंट्स पाए गए हैं दोस्तों केरला के दूसरे टाइगर रिजर्व यानी कि पेरियार टाइगर रिजर्व की बात करें तो ये इडुक्की जिले में लोकेटेड है देखा जाए तो इस टाइगर के नॉर्थ एज पर मंगला देवी कन मंदिर मौजूद है साथ ही फेमस सबरीमाला अयपन टेंपल भी यहीं पर सिचुएटेड है आपको बता दें कि तमिलनाडु को इरिगेशन की सुविधा के लिए 18956 स्क्वा किमी में एक लेक क्रिएट हो गई 1989 में से लेक और डैम के आसपास के फॉरेस्ट को मिलाकर पेरियार लेक रिजर्व का रूप दे दिया गया और 1950 में से पेरियार सेंचुरी 1982 में नेशनल पार्क और 1978 में टाइगर रिजर्व के रूप में नोटिफाइड कर दिया गया और लेटेस्ट डेटा के मुताबिक यहां पर टाइगर्स की संख्या है 30 दोस्तों इसी के साथ भारत के सभी टाइगर रिजर्व्स को जानने का हमारा सफर यहीं पर समाप्त होता है भारत के सभी बाघ अभयारण्य

All Tiger Reserves in India

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