सरिस्का अभयारण राजस्थान अलवर -वन्यजीव अभयारण

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सरिस्का अभयारण राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित है। यह एक वन्यजीव अभयारण है जो विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों के लिए घर है। यह अभयारण भारत में सबसे पुराने प्राकृतिक वनों में से एक है और इसमें बड़े पैमाने पर बाघ, लेपर्ड, सम्भर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा आदि जैसे विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव पाए जाते हैं।

सरिस्का अभयारण के अलावा, यहां पर बहुत सारे प्राचीन मंदिर भी हैं जो इस जगह को आकर्षक बनाते हैं। यह अभयारण पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है जो वन्यजीवों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। यहां जाने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों में हो

यह अभयारण राजस्थान सरकार द्वारा प्रबंधित होता है और इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में भी जाना जाता है। इसके अंदर आने वाले पर्यटकों को अपने वन्यजीव और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसन्न किया जाता है।

सरिस्का अभयारण का उद्देश्य अन्य बाघ अभयारणों की तुलना में बचाव और उनके प्रजनन दर को बढ़ाना है। इसके अलावा, यह भी वन्यजीवों के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है जहां वन्यजीव संरक्षण, समुदाय के साथ संवाद और पर्यटन के माध्यम से आर्थिक विकास का समर्थन किया जाता है।

सरिस्का अभयारण अलवर से लगभग 107 किलोमीटर दूर है और यह जयपुर से लगभग 200 किलोमीटर दूर है। अभयारण के पास आने वाले पर्यटकों के लिए कई होटल और रिसोर्ट उपलब्ध हैं जो अभयारण के साथ-साथ उन्हें अपनी राजस्थानी संस्कृति का भी अनुभव करने का मौका देते हैं।

अभयारण के अंदर बहुत से प्राचीन मंदिर, किले और बावड़ियां हैं जो पर्यटकों के लिए आकर्षण के रूप में काम करते हैं। सरिस्का अभयारण में बाघों के अलावा बकरे, नीलगाय, चिता, हत्ती, भालू, जंगली सुअर, लाल मृग, चीतल और समुद्री बाघ आदि वन्यजीवों को देखा जा सकता है।

अभयारण के साथ-साथ, सरिस्का नेशनल पार्क भी है जो दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में स्थित है। इस पार्क में आने वाले पर्यटक विशाल शिकारी जंगलों, घास के मैदानों और झीलों का अनुभव कर सकते हैं।

सरिस्का अभयारण और सरिस्का नेशनल पार्क में देखी जाने वाली अनोखी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों की विविधता का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को अवश्य आना चाहिए।

सरिस्का अभयारण और सरिस्का नेशनल पार्क की संरचना दोनों ही राजस्थान सरकार द्वारा की गई है। सरिस्का अभयारण 1979 में बनाया गया था जबकि सरिस्का नेशनल पार्क 1955 में बनाया गया था।

यहाँ के वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इनमें से कुछ हैं जैसे कि तब्बू से भरी नालियों की सफाई, जैव उत्पादों के उत्पादन का समर्थन, जंगल में जल संरचना के निर्माण और संवर्धन, स्थानों के विकास को रोकने के लिए बांधों और सीमाओं का निर्माण आदि।

इसके अलावा, सरिस्का नेशनल पार्क के भीतर स्थित सर्प धारा बावड़ी भी दर्शनीय है। यहाँ कई प्रकार के सांप और अन्य सरीसृप देखे जा सकते हैं।

सरिस्का अभयारण और सरिस्का नेशनल पार्क राजस्थान में जंगली जीवन का अनुभव करने के लिए आकर्षक स्थल हैं। यहाँ पर्यटक जंगल में सफारी करने, तालाबों में शिकारी जंगली मछलियों को देखने और सांपों की धारा बावड़ी का भी दौरा करने का भविष्य में सरिस्का अभयारण और सरिस्का नेशनल पार्क के संरक्षण और विकास के लिए राजस्थान सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से कुछ हैं जैसे कि जंगली जीवों के आहार के लिए वन्यजीव विहार और शिकारी विहार का निर्माण, प्रजनन केंद्र और प्रजनन सुधार केंद्र के निर्माण और बाघों के लिए बिछा दिए गए सिंहासनों का निर्माण आदि।

सरिस्का नेशनल पार्क और सरिस्का अभयारण जैसे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। हमें इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए सक्रिय भागीदारी लेनी चाहिए।

सरिस्का क्यों प्रसिद्ध है?

सरिस्का एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण है जो राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। यह अभयारण बिना शिकारी होने के बावजूद तीन शेरों के लिए जाना जाता है। यह अभयारण 866 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें विभिन्न प्रकार के वन्यजीव जैसे बाघ, तेंदुआ, चीतल, संबर, लोमड़ी, हाथी, नीलगाय आदि पाए जाते हैं।

सरिस्का अभयारण इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यह सर्वदेशीय खनिज संसाधनों का एक महत्वपूर्ण स्थल है और इसमें सोने के खदान भी हैं। इसके अलावा, यह भी प्रसिद्ध है क्योंकि इसमें नैचुरल वेल्थ आईंटरप्राइजेज लिमिटेड की तरफ से शुरू की गई सरिस्का बायोडाइवर्सिटी रिसर्च स्टेशन भी है जो वन्यजीवों के संरक्षण और उनके संबंधित अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है।

सरिस्का अभयारण का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है। यह अभयारण वर्ष 1955 में राजस्थान के महाराजा सवाई जयवंत सिंह ने शिकार रोकने के लिए बनाया गया था। बाद में इसे प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण के लिए उपयोग में लाया गया। यह अभयारण 1978 में एक नेशनल पार्क घोषित किया गया।

सरिस्का अभयारण एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जहां हर साल कई पर्यटक आते हैं। यहां पर्यटक वन्यजीव से जुड़ी अनेक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं, जैसे जंगल सफारी, तेंदुओं के साथ ट्रेकिंग, पर्यटकों को दूर से देखने के लिए चौपटटी टॉवर आदि।

सरिस्का अभयारण का अनुभव प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है जो इसे एक खास जगह बनाती है। यह वन्यजीव अभयारण एक ऐसी जगह है जहां आपको सुकून और शांति का अनुभव होता है।

सरिस्का जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

सरिस्का अभयारण राजस्थान अलवर
सरिस्का अभयारण राजस्थान अलवर

सरिस्का अभयारण जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जनवरी होता है। इस समय तापमान मध्यम रहता है और जंगल में वन्यजीव देखने की संभावना ज्यादा होती है। विशेष रूप से दिसंबर से फरवरी के दौरान यहां के तेंदुओं को देखना बहुत मजेदार होता

इसके अलावा जून से सितंबर तक का समय भी उपयुक्त होता है, जब तापमान उच्च होता है लेकिन वर्षा भी होती है। इस समय जंगल में घुमने में अधिक मुश्किल होता है। अभयारण नवंबर से मई के बीच बंद रहता है, इस समय यहां के सभी नेचुरल ट्रेल और सफारी बंद हो जाते हैं। इसलिए, सरिस्का जाने के लिए अक्टूबर से जनवरी या जून से सितंबर के बीच जाना सबसे अच्छा माना जाता है।

ध्यान रखें कि सरिस्का अभयारण समय-समय पर बंद हो सकता है, इसलिए सबसे अच्छा होता है कि आप अपनी यात्रा के पहले अभयारण के ऑफिस से समय की जानकारी ले लें। आप अभयारण के साथी नेचुरलिस्ट के साथ जाकर सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जो आपकी यात्रा को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना सकते हैं।

सरिस्का टाइगर रिजर्व में कौन सा मार्ग सबसे अच्छा है?

सरिस्का टाइगर रिजर्व में विभिन्न मार्ग हैं जो आपको जंगल के भीतर ले जाते हैं। सबसे लोकप्रिय मार्ग तो खड़ी नहर से गुराड़ा झील तक है, जिसमें आप समुद्र तल से 1070 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जंगल देख सकते हैं। दूसरे लोकप्रिय मार्ग में से एक है ताल जंगल से बालाजी मंदिर तक, जो आपको झीलों और पहाड़ों के बीच से लेकर जंगली जानवरों और पक्षियों की दुनिया तक ले जाता है। अन्य मार्ग में से कुछ शामिल हैं सारी जंगल घाटी, पुराने किले और शिव मंदिर के निकट स्थानों के साथ।

लेकिन यदि आप पहली बार सरिस्का जा रहे हैं तो आपको टाइगर रिजर्व के ऑफिस में मौजूद नेचुरलिस्ट से सलाह लेना चाहिए, जो आपकी यात्रा के आधार पर आपको सबसे अच्छा मार्ग सुझाएंगे।

इसके अलावा, सरिस्का टाइगर रिजर्व में ट्रैकिंग, जीप सफारी, रात्रि जंगल सफारी और कैम्पिंग जैसी विभिन्न गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं। इन सभी गतिविधियों के दौरान आप जंगल के सभी प्राकृतिक जीवों और फूलों का आनंद ले सकते हैं।

अगर आप सरिस्का टाइगर रिजर्व जाना चाहते हैं तो सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून तक होता है। यह सर्दियों में ठंडे मौसम के कारण बंद रहता है। यहाँ का मौसम गर्मियों में भी बहुत अधिक गर्म नहीं होता है। इस तरह, आप सभी सीजन में सरिस्का के टाइगर रिजर्व में जाकर इस जंगल के सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।

सरिस्का नेशनल पार्क का टिकट कैसे मिलेगा?

सरिस्का नेशनल पार्क में प्रवेश के लिए आपको टिकट की आवश्यकता होगी। आप टिकट ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीद सकते हैं।

ऑनलाइन टिकट खरीदने के लिए, आप सरिस्का टाइगर रिजर्व की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर टिकट खरीद सकते हैं। आप अपनी जानकारी और टिकट खरीदने के लिए उचित फीस भरकर ऑनलाइन टिकट खरीद सकते हैं।

ऑफलाइन टिकट खरीदने के लिए, आप सरिस्का टाइगर रिजर्व के प्रवेश गेट पर जाकर टिकट खरीद सकते हैं। यहां आप अपनी जानकारी और उचित फीस जमा करने के बाद टिकट खरीद सकते हैं।

टिकट कीमत आमतौर पर विभिन्न श्रेणियों में विभाजित होती है। आम दर्शकों के लिए टिकट की कीमत लगभग 75 रुपये होती है। इसके अलावा, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी अलग-अलग छूट होती है।

सरिस्का नेशनल पार्क में प्रवेश करने के लिए, आपको पार्क ऑफिस में जाकर टिकट खरीदना होगा। टिकट कीमत अलग-अलग हो सकती है जैसे कि भारतीय नागरिकों के लिए एंट्री फीस 60 रुपये है और विदेशी नागरिकों के लिए एंट्री फीस 400 रुपये होती है। अतिरिक्त शुल्क भी हो सकते हैं जैसे कि गाइड की सेवाओं के लिए। टिकट आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं, लेकिन ऑनलाइन बुकिंग करने से पहले पार्क ऑफिस से एंट्री फीस और शुल्कों के बारे में जानकारी जरूर लें।

राजस्थान का सबसे छोटा अभयारण्य कौन सा है?

राजस्थान का सबसे छोटा अभयारण्य रामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य है। यह अभयारण्य राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग 34 वर्ग किलोमीटर है। इस अभयारण्य में समुद्र तल से लगभग 450 मीटर की ऊँचाई पर घास के मैदान, पहाड़ियों और झाड़ियों से भरी घनी जंगल होते हैं। यहाँ पर जंगली जानवरों में नीलगाय, जंगली सूअर, छिपकली, बारहसिंगा, लोमड़ी, बन्दर और नदी घोड़े जैसे जानवर देखे जा सकते हैं।

सरिस्का क्यों प्रसिद्ध है?

सरिस्का एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है जो राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। यहाँ पर अनेक प्रकार के जंगली जानवर देखे जा सकते हैं जैसे कि बाघ, चीता, हाथी, नीलगाय, संबर जंगली सूअर, चितळ, बंदर, रेवाड़ा, चूँच, जंगली कुत्ता, गिलहरी आदि। सरिस्का अभयारण्य में जानवरों के साथ-साथ अनेक प्रकार के पक्षियों का भी घर होता है। इसके अलावा, यहाँ पर कई प्रकार की फसलें उगती हैं जैसे कि जौ, गेहूं, चना और सोयाबीन आदि। सरिस्का अभयारण्य एक सुंदर वातावरण और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के कारण यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है।

इसके अलावा, सरिस्का अभयारण्य में भी अनेक प्रजातियों के बाघ, सांबर और चीतल जैसे जानवरों को देखना मौजूदा है। सरिस्का के वन्यजीवों के अलावा, यहां पर रात्रि गंभीरता से देखी जाने वाली जंगली बिल्लियाँ, नीलगाय, चीतल, लंगूर और भेड़िया जैसी विविध जानवरों के दर्शन करने के लिए भी बहुत सुविधाएं हैं।

सरिस्का का मौसम समुचित होने के कारण, यहां वन्यजीवों को देखने के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से फरवरी तक होता है। इस समय यहां का मौसम सुहावना होता है और वन्यजीव अपनी सुरक्षित आवास स्थानों से निकलते हैं।

इस प्रकार, सरिस्का अभयारण्य एक अद्भुत स्थान है जो आपको वन्यजीवों और प्राकृतिक सौंदर्य से अवगत कराता है।

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